निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?

कवि रविन्द्र यहां ईश्वर से अपने जीवन में आने वाली विपदाओं से लड़ने में कोई सहायक न मिलने की स्थिति में अपना पौरुष बल या आत्मबल कम नहीं होने की कामना करते हैं। कहने का अर्थ है कि घोर विपदा सामने रहने और उस विपत्ति से उबारने वाला कोई सहायक न मिलने की स्थिति में भी कवि निराश नहीं होना चाहता है और वह अकेले ही विपदाओं का सामना करना चाहता है। ईश्वर से उसकी सिर्फ यही प्रार्थना है कि इस स्थिति में उसका पौरुष बल उसका साथ न छोड़े तब वह ऐसी स्थिति में कोई सहायक न होने पर भी विपदा के समय ईश्वर से उसे आशीर्वाद के रूप में मिले पौरुष बल के सहारे ही वह सारी विपदाओं से पार पा लेगा।


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